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गांधी विचार परिषद के आचार्य के साथ दुर्व्यवहार के सम्बन्ध में

  • isatyagrahsabha
  • Jul 18, 2020
  • 1 min read

नमस्कार!


पुनः संस्थान के निदेशक श्री भरत महोदय जी ने नैतिकता कि सारी सीमाओं का उल्लंघन किया है। आज दिनांक 18/07/2020 को फ़िर से संसथान के आचार्य को कैंपस छोड़ने का नोटिस दिया गया है।


श्री भरत महोदय तथा उनके सहयोगी श्री संजय भार्गव के कल के दुर्व्यवहार व उनके गांधी विचार परिषद को बंद कराने के षड्यंत्र के सन्दर्भ में समाचार पत्रों को सूचित किया गया था। तब श्री भरत महोदय ने मीडिया को बताया कि संस्थान को बंद नहीं किया जा रहा है।


आज जब संस्थान के वरिष्ठ आचार्य श्री प्रो. डॉ. रामचंद्र प्रधान को परिसर छोड़ने के लिए नोटिस भेजा गया तो उसे पढ़ कर यह स्पष्ट हो रहा है कि गांधी विचार परिषद को कोरोना-संकट कि आड़ में शिक्षमंडल, वर्धा को हॉस्टल बनाने के लिए सौंपने का काम होने वाला है।


जब कोरोना-संक्रमण का हवाला देकर पी. जी. डिप्लोमा कोर्स को बंद किया गया है तो फ़िर कैंपस में शिक्षामंडल के विद्यार्थी कैसे रह सकते हैं?


पी. जी. डिप्लोमा के विद्यार्थियों को कोरोना-संक्रमण का ख़तरा है किन्तु शिक्षमंडल के विद्यार्थियों को नहीं, ऐसा कैसे संभव है?


अतः यह अब और भी स्पष्ट हो रहा है कि श्री भरत महोदय एवं उनके साथी श्री संजय भार्गव गांधी विचार परिषद को बंद करने के षड्यंत्र में मग्न हैं।


आपसे अनुरोध है कि हमारे साथ गांधी विचार परिषद को बचाने के लिए इस सत्याग्रह में सहयोग करें।

धन्यवाद!


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